गुरुवार, 22 नवंबर 2012

व्यंग्य कविता - आज के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक आधुनिक लोग

भूख लगी हो या न लगी हो,
पिज्जा खाएं भर भर के ।
हेल्थ की चिंता आई जब,
जिम करेंगे मर मर के ।।

ये खाओ, ये मत खाओ
खाते भी हैं डर डर के ।
कितना ख्याल करें अब भाई,
थक चुके हैं कर कर के ।।

पेट घटाओ, वजन घटाओ
दुकान लगी है दर दर पे ।
प्रोटीन विटामिन का पावडर
मिल जाएगा घर घर पे ।।

कहता है कृतदेव अब,
बात सुनो मेरी आ कर के ।
ये जीना भी क्या जीना
जीते हैं जब मर मर के ।।