सोमवार, 19 दिसंबर 2011

जीना इसी का नाम है

दीप सा जलकर, रोशन करें जहां |
जिस पथ हम चलें, खुशियाँ हों वहाँ ||
ख्याल यही है रखना,
हमको सुबह औ शाम है |
जीना इसी का नाम है ||

हमदर्द बनें सबके, मीठी बानी बोलें हम |
रखें नाता दिलों से, पैसों से ना तोलें हम ||
दर्द बांटने का यह काम,
काम नहीं आम है |
जीना इसी का नाम है ||

क्या किया मैंने जो, पैसे कमाए लाख |
बड़े बड़े हैं यहाँ, पर किसकी है साख ||
पैसे के भण्डार ज़माना नहीं,
दिलों में घर बनाना बड़ा काम है |
जीना इसी का नाम है ||

जियें तो परहित जियें, मरें तो परहित मरें |
स्वार्थ को छोड़ें, सदा सुकर्म ही करें ||
तब देखेंगे हम की,
धरा पर ही स्वर्ग धाम है |
जीना इसी का नाम है ||

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